रक्षा सम्पदा महानिदेशालय

अवस्थिति

यह उलान बाटर मार्ग, दिल्ली छावनी में पालम एयरपोर्ट के समीप ‘‘रक्षा संपदा भवन’’ में स्थित है।

प्रधान निदेशालय

इसके 6 प्रधान निदेशालय हैं जिनके प्रमुख प्रधान निदेशक होते हैं तथा ये निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं:

  • लखनऊ (मध्य कमान)
  • पुणे (दक्षिण कमान)
  • चण्डीगढ़ (पश्चिम कमान)
  • कोलकाता (पूर्व कमान)
  • जम्मू (उत्तर कमान)
  • जयपुर (दक्षिण पश्चिम कमान)

फील्ड कार्यालय

भारत में 61 छावनियां हैं। प्रत्येक छावनी में एक स्थानीय स्वायत्तशासी तथा छावनी परिषद प्रणाली पद्धति है। प्रत्येक छावनी परिषद का अपना बजट होता है तथा उसमें निर्वाचित, नामित व पदेन सदस्य होते हैं। परिषद सभी नागरिक, सामाजिक, विकास व विनियमित कार्यों के लिए उत्तरदायी है। छावनी परिषद में एक मुख्य अधिशासी अधिकारी होता है जो छावनी परिषद में सदस्य सचिव के रूप में कार्य करता है। वह भारतीय रक्षा संपदा सेवा का अधिकारी होता है/होती है।

कुल 39 रक्षा संपदा सर्किल हैं। प्रत्येक सर्किल का प्रमुख रक्षा संपदा अधिकारी होता है। सभी रक्षा भूमि अभिलेखों की अभिरक्षा रक्षा संपदा अधिकारियों द्वारा की जाती है। वे रक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए भूमि तथा भवनों को किराये पर लेते हैं तथा उसका अधिग्रहण करते हैं। रक्षा संपदा अधिकारी रक्षा भूमि का इस्तेमाल करने वाले सेना, नौसेना, वायुसेना, रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन तथा अन्य रक्षा स्थापनाओं जैसे प्रयोक्ताओं को भूमि संबंधी मामलों में परामर्श भी प्रदान करते हैं। रक्षा संपदा अधिकारी सभी भूमि के स्वामित्व अथवा उसके अधिग्रहण/पुनर्ग्रहण से संबंधित मुकदमों की पैरवी भी करते हैं। भूमि को लीज तथा लाइसेंस पर देने का कार्य इन फील्ड कार्यालयों के माध्यम से किया जाता है।

राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान

राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान, दिल्ली छावनी भारतीय रक्षा संपदा सेवा के अधिकारियों के लिए प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। इसके प्रमुख निदेशक हैं। यह संस्थान भूमि तथा छावनी प्रशासन, कम्प्यूटरीकरण, सर्वेक्षण तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली में अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान को 2011 से अब तक ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। आधुनिक सर्वेक्षण, तकनीक तथा कम्प्यूटरीकृत भूमि रिकार्ड प्रबंधन जैसे विभिन्न विषयों में दक्षता आधारित तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम की स्थापना की गई है।
राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान के अधीन देहरादून तथा देहूरोड स्थित दो क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र हैं। क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र छावनी परिषदों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।