ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारत के विभिन्न भागों में छावनियों की स्थापना ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा नवाब सिराज उल दौला के विरूद्ध 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद की गई। पहली छावनी की स्थापना कलकत्ता के निकट बैरकपुर में 1765 में की गई। छावनी अधिनियम 1924 में प्रख्यापित किया गया। 1940 में सेना भूमि तथा छावनी सेवा सृजित की गई। 1985 में इस सेवा का नाम रक्षा भूमि तथा छावनी सेवा से बदल कर भारतीय रक्षा संपदा सेवा कर दिया गया । वर्तमान में भारतीय रक्षा संपदा सेवा में 189 अधिकारी हैं। कुल 62 छावनियॉ तथा 37 रक्षा संपदा कार्यालय सर्किल है। 62 छावनियों में से 6 छावनियॉ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बनी हैं। यह विभाग छावनी बोर्डो के माध्यम से छावनियों में नागरिक कार्यों की देख-रेख करता है तथा प्रत्येक छावनी में भारतीय रक्षा संपदा सेवा का मुख्य अधिशासी अधिकारी होता है।

रक्षा संपदा अधिकारी रक्षा भूमि के प्रबंधन के साथ-साथ भूमि तथा भवनों के लिए स्थानीय सेना प्राधिकारियों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। रक्षा मंत्रालय के अधीन सभी सेनाओं के लिए भूमि के सभी अर्जन रक्षा संपदा विभाग के माध्यम से किये जाते हैं। रक्षा भूमि का सारा रिकार्ड रक्षा संपदा विभाग द्वारा रखा जाता है।