शिलांग श्रेणी II की छावनी है। इसकी स्थापना 1885 में हुई। कार्यालय भवन इसके बोर्ड में 7 निर्वाचित सदस्यों सहित 14 सदस्य हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी कुल आबादी 12387 है।
सेवानिवृत्त सैनिकों तथा द्वितीय विश्व युद्ध के कैदियों, विशेषकर गोरखा के बच्चों की शिक्षा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 17 जुलाई, 1947 को छावनी बोर्ड स्कूल की स्थापना की गई। इस स्कूल को तीसरी कक्षा से नेपाली माध्यम में शुरू किया गया था। इसके पश्चात् वर्ष 1980 तथा इसके पश्चात् इस स्कूल में कक्षा प्ट से कक्षा टप्प् शामिल की गई। इस स्कूल के भूतपूर्व छात्रों में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, डाक्टर, इंजीनियर इत्यादि शामिल हैं।
शैक्षणिक सत्र 2010 से शिक्षा का माध्यम नेपाली से अंग्रेजी कर दिया गया है। शिक्षा का माध्यम बदल देने से छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। छावनी बोर्ड जरूरतमन्द बच्चों को स्कूल किट, वर्दी इत्यादि देता है। शैक्षणिक कार्य-निष्पादन के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई है। मेघालय की राज्य सरकार के तत्वाधान में मिड डे मील योजना लागू की गई है।
स्कूल की प्रबंधन व्यवस्था स्कूल प्रबंधन समिति के पास है। इसकी बेहतरी तथा स्कूल से संबंधित कार्यों के लिए विभिन्न उपायों हेतु समिति को अधिकार दिए गए
स्कूल में वाचनालय के साथ-साथ इन्टरनेट सुविधा के साथ पूरी तरह से विकसित कम्प्यूटर प्रयोगशाला है। दिन के समय इसे छात्रों द्वारा उपयोग में लाया जाता है तथा सायंकाल में यह व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए है।
एक विशेष अभियान के रूप में व्यस्क शिक्षा को शामिल किया गया है तथा इस समय 65 उम्मीदवार कक्षाओं में आते हैं। इसके अतिरिक्त एक एन जी ओ द्वारा धमार्थ कोचिंग कक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
छावनी सामान्य अस्पताल की स्थापना स्वर्गीय श्री जीवन राम गोयनका के उदार पुत्र की कृपा सहायता से 1954 के दौरान की गई थी। इसलिए इसका नाम जीवन राम गोयनका छावनी सामान्य अस्पताल रखा गया। बोर्ड अभी तक केवल ओपीडी सेवाएं प्रदान करता है। सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया गया है जिसके परिणामस्वरूप मरीजों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
चूंकि बोर्ड केवल ओपीडी सेवाएं ही चलाता है अतः विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। इस महीने के दौरान महिलाओं के लिए अस्थि घनत्व शिविर का आयोजन किया गया। वरिष्ठ नागरिकों तथा स्कूल के बच्चों की विशेष देखभाल की जाती है तथा गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों का निःशुल्क इलाज किया जाता है।
जुलाई, 2011 में पेथोलॉजी, ईसीजी तथा एक्स-रे सेवाएं शुरू की गईं।