लक्ष्य

  1. भूमि प्रबंधन विशेषकर रक्षा भूमि रिकार्डों को अपडेट करने, रक्षा भूमि पाकेटों की मैपिंग, छावनियों के अंदर सर्वे नंबरों का पॉलीगान मिलान तथा छावनियों की शहरी नियोजन के लिए विशेषताएं निकालने में अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी तथा ड्रोन इमेज़नरी का लाभ उठाना।
  2. प्रायोगिक परियोजनाएं चलाना तथा धीरे-धीरे भूमि के इष्टतम उपयोग, परिवर्तन का पता लगाने, सार्वजनिक उपयोगिता परियोजनाओं की योजना बनाने तथा कार्यान्वयन तथा कार्य प्रक्रियाओं व नियामक कार्यों में मैनुअल हस्तक्षेप को कम करने में कृत्रिम इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग टूलों को अपनाना।
  3. उच्च दक्षता, पूरी पारदर्शिता, सभी हितधारकों की बिज़नेस में आसानी तथा सैन्य आबादी सहित छावनी के निवासियों के लिए रहन-सहन में आसानी की प्राप्ति के लिए रक्षा सम्पदा संगठन के सभी प्रमुख कार्यों और प्रक्रियाओं में सूचना प्रोद्योगिकी को अधिक से अधिक बढ़ाना।
  4. ज्ञान भागीदारों को लाकर राष्ट्रीय रक्षा प्रबंधन संस्थान तथा इसके उत्कृष्टता के केंद्र के माध्यम से नवीनतम भूमि तथा शहरी प्रबंधन टूलों में आंतरिक तथा अन्य सरकारी संगठनों के लिए बाहरी रूप से क्षमताओं का निर्माण करना।
  5. सशस्त्र सेनाओं की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना रक्षा भूमि की प्रभावी संरक्षा, अतिक्रमण हटाना अथवा उसे नियमित करना, ओल्ड ग्रांट तथा लीज भूमि के प्रबंधन में सुधार, आधारभूत संरचना तथा सार्वजनिक उपादेयता की परियोजनाओं के लिए समयसीमा के अंदर भो हस्तांतरण प्रक्रिया पूरी करना तथा सभी भूमि मामलों के प्रबंधन में वांछित नीति बनाने में सरकार को परामर्श देना।
  6. भू-अधिग्रहण प्रक्रियाओं की प्रभावी ढंग से व्यवस्था करना तथा भू-अधिग्रहण के पूर्व तथा अधिग्रहण उपरांत प्रतिकर लागत पर पूंजीगत लागत को कम करना।
  7. स्वामित्व वादों, भूमि अधिग्रहण उपरांत मुकदमेबाज़ी, रक्षा भूमि संबंधी अन्य वादों में सरकार के हितों की रक्षा के लिए रक्षा सम्पदा अधिकारियों द्वारा मुकदमेबाज़ी प्रबंधन को प्रभावशील बनाना।
  8. एक विशेषज्ञ एजेंसी के रूप में केन्द्रीय सरकार के अन्य विभागों का भू-सर्वे करने तथा भूमि रिकार्ड प्रबंधन करने में सक्षम बनाना।
  9. प्रतिष्ठान के व्यय का इष्टतम प्रयोग करते समय स्थानीय राजस्व में वृद्धि करके, राज्य सरकारों से अपेक्षित राजस्व हिस्सेदारी तथा अनुदान प्राप्त करके तथा केंद्र व राज्य सरकार की सभी आधारभूत विकास व समाज कल्याण योजनाओं का लाभ प्राप्त करके छावनी बोर्डों की वित्तीय प्रबंधन क्षमता में वृद्धि करना।
  10. पेयजल आपूर्ति नेटवर्क, सीवरेज लाइनों तथा सीवरेज ट्रीटमेंट संयन्त्रों, नालों, स्कूलों, अस्पतालों तथा औषधालयों, दिव्यांग केन्द्रों व वृद्धावस्था आश्रमों पर अधिक जोर देकर छावनी के उच्च गुणवत्तायुक्त सार्वजनिक ढांचे को विकसित करना।
  11. भारत में छावनियों को आदर्श टाउनशिप के रूप में विकसित करने के लिए जीवन की उच्चतम गुणवत्ता को अपनाते हुए -
    • क). सतत -
      • भवन निर्माण
      • ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन
      • स्मार्ट नगरपालिका समाधान
    • ख).
      • हरित आवरण को बढ़ाना
      • समय पर जनता की शिकायतों का समाधान
      • जीवन की सुगमता को बढ़ावा देना।
  12. प्रशासनिक, सामाजिक-सांस्कृतिक व छावनियों के सैन्य इतिहास के क्रमिक विकास को दर्शाते हुए महत्वपूर्ण व बहुमूल्य दस्तावेजों का संग्रह विकसित करना तथा उसे अनुरक्षित करना।
  13. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए सैन्य-सिविल संबंधों को मजबूत करने तथा सभी निवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए छावनी बोर्डों को सक्षम बनाना।