परियोजना

  • भूमि रिकार्डों की अंकीकरण, सूचीकरण, माइक्रो फिल्म बनाने, संरक्षण व परिरक्षण के लिए परियोजना

    रक्षा भूमि का प्रबंधन भूमि रिकार्डों के उचित रख-रखाव की आवश्यकता को सुनिश्चित करता है। इनमें भूमि पर सरकार का स्वामित्व, अधिग्रहण कार्यवाही, जनरल लैंड रजिस्टर, मिलिट्री लैंड रजिस्टर, राजस्व नक्शे, ओल्ड ग्रांट, लीज दस्तावेज आदि दस्तावेज होते हैं जिनमें प्रारंभिक तथा द्वितीयक साक्ष्य का महत्व निहित होता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा 22.02.11 को 21.25 करोड़ की लागत की 3 से अधिक वर्षों की अवधि की एक परियोजना का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है।

  • रक्षा भूमि के सर्वेक्षण, सीमांकन तथा जांच के लिए परियोजना

    भूमि के प्रबंधन का एक आवश्यक व महत्वपूर्ण पहलू भूमि का सीमांकन है जिसमें सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित करना तथा सीमा स्तंभों का रख-रखाव शामिल है। भूमि के अधिग्रहित किए जाने अथवा उसका कब्जा लिए जाने से वर्षों से मुश्किल से ही कभी-कभार कोई सर्वेक्षण अथवा सत्यापन किया गया होगा। सर्वेक्षण सीमांकन कार्य में पुनः जान डालने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय ने 22.02.2011 को 3 से अधिक वर्षों की अवधि के 15.52 करोड़ रूपये की लागत के एक परियोजना प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

  • छावनी बोर्डों में उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली (पायलट परियोजना)

    रक्षा संपदा महानिदेशालय ने पहले से ही स्थापित उपार्जन आधारित (दोहरी प्रविष्टि) लेखा प्रणाली, जिसे ए बी ए एस कहा जाता है, को शुरू करने तथा उसके सफलतापूर्वक कार्यान्वयन की अभिकल्पना की है। इसे एक सूचना प्रोद्यौगिकी वातावरण में निष्पादित किया जाएगा जहां दिन-प्रतिदिन की वित्तीय लेनदेन को भी इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा। उद्देश्य की प्राप्ति हेतु एक पायलट परियोजना प्रारंभ में आगरा तथा सेंट थॉमस माउंट व पल्लवरम (चेन्नई) 02 छावनी बोर्डों में शुरू की गई है। परियोजना की योजना बनाने तथा उसे क्रियान्वित व निष्पादित करने के लिए एक परामर्शदाता की नियुक्ति की जाएगी। इसके पश्चात् उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली एक निश्चित समयावधि में सभी 62 छावनी बोर्डों में कार्यान्वित की जाएगी। उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली के कार्यान्वयन से छावनियों में अधिक यथार्थता, पारदर्शिता तथा परिणामवर्द्धक पूंजी व राजस्व प्रशासन को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • स्टाफ क्वार्टर

    केन्द्रीय विद्यालय, नारायणा गांव, दिल्ली छावनी के निकट रक्षा भूमि पर 60 स्टाफ क्वार्टरों के निर्माण की कुल 9.24 रू0 की लागत की एक परियोजना रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत की गई है। यह कार्य रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन द्वारा किया जा रहा है तथा इसके 8 महीनों में पूरा होने की संभावना है।

    स्टाफ क्वार्टर परियोजना,दिल्ली छावनी

  • रक्षा संपदा भवन में सम्मेलन कक्ष में रद्दो बदल

    रक्षा संपदा भवन के मौजूदा सम्मेलन कक्ष को सम्मेलन, प्रशिक्षण केन्द्र व व्याख्यान हाल हेतु बहु उद्देशीय हाल में परिवर्तित करने के लिए कुल 15 लाख रूपये की लागत का रद्दो-बदल का काम शुरू किया गया है। इस सुविधा का उपयोग सम्मेलन आयोजित करने तथा रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ-साथ एन एल आर एम पी सेल, निडम के तत्वाधान में भूमि के सर्वेक्षण तथा भूमि रिकार्डों के अंकीकरण में लगे राज्य सरकारों के भूमि राजस्व कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाएगा।