रक्षा भूमि के सर्वेक्षण, सीमांकन तथा जांच के लिए परियोजना

भूमि के प्रबंधन का एक आवश्यक व महत्वपूर्ण पहलू भूमि का सीमांकन है जिसमें सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित करना तथा सीमा स्तंभों का रख-रखाव शामिल है। भूमि के अधिग्रहित किए जाने अथवा उसका कब्जा लिए जाने से वर्षों से मुश्किल से ही कभी-कभार कोई सर्वेक्षण अथवा सत्यापन किया गया होगा। सर्वेक्षण सीमांकन कार्य में पुनः जान डालने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय ने 22.02.2011 को 3 से अधिक वर्षों की अवधि के 15.52 करोड़ रूपये की लागत के एक परियोजना प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
 

प्रस्ताव में शामिल हैं:
i) सर्वेक्षण उपकरण स्टेशनों की कुल संख्या - 42 (4.20 करोड़ रूपये)
ii) परिभारिकी सहायता अर्थात् वाहनों को किराए पर लेना (4.57 करोड़ रूपये)
iii) भवन तथा प्रशिक्षण पर व्यय (4.86 करोड़ रूपये)
iv) भवन तथा प्रशिक्षण की क्षमता (0.42 करोड़ रूपये)
v) लुप्त सीमा स्तंभों को खड़ा करना (0.50 करोड़ रूपये)
vi) उपकरणों के रख-रखाव पर व्यय (1.00 करोड़ रूपये)

अपेक्षित परिणाम:

(क) सारी रक्षा भूमि के ब्यौरे का वास्तविक रूप में पुनः सत्यापन तथा अधिप्रमाणन किया जा सकेगा।
(ख) विवादित भूमि तथा अतिक्रमण से संबंधित सूचना समेकित की जा सकेगी।
(ग) भविष्य के प्रयोग के लिए कम्प्यूटरीकृत डाटाबेस सृजित किया जा सकेगा।
(घ) जहां कहीं आवश्यक हो, सीमा स्तंभों का निर्माण किया जा सकेगा।
(ड़) अधिक क्षमता वाले भवनों को पूरा किया जाएगा।