छावनी बोर्डों में उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली (पायलट परियोजना)

रक्षा संपदा महानिदेशालय ने पहले से ही स्थापित उपार्जन आधारित (दोहरी प्रविष्टि) लेखा प्रणाली, जिसे ए बी ए एस कहा जाता है, को शुरू करने तथा उसके सफलतापूर्वक कार्यान्वयन की अभिकल्पना की है। इसे एक सूचना प्रोद्यौगिकी वातावरण में निष्पादित किया जाएगा जहां दिन-प्रतिदिन की वित्तीय लेनदेन को भी इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा। उद्देश्य की प्राप्ति हेतु एक पायलट परियोजना प्रारंभ में आगरा तथा सेंट थॉमस माउंट व पल्लवरम (चेन्नई) 02 छावनी बोर्डों में शुरू की गई है। परियोजना की योजना बनाने, उसे क्रियान्वित करने व निष्पादित करने के लिए एक परामर्शदाता की नियुक्ति की जाएगी। इसके पश्चात् उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली एक निश्चित समयावधि में सभी 62 छावनी बोर्डों में कार्यान्वित की जाएगी। उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली के कार्यान्वयन से छावनियों में अधिक यथार्थता, पारदर्शिता तथा परिणामवर्द्धक पूंजी व राजस्व प्रशासन को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

प्रस्तावित उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय नगर लेखा मैनुअल में निर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अनुरूप बनाया जाएगा।

प्रस्तावित उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को सूचना प्रौद्योगिकी माहौल में क्रियान्वित किया जाएगा। परामर्शदाता को उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को इस प्रकार से विकसित करना होगा कि नकदी आधारित, उपार्जन आधारित तथा समायोजित लेनदेन का वास्तविक समय में उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली में समाकलन किया जा सके। दो छावनी बोर्डों में इस पायलट परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने पर सूचना प्रौद्योगिकी डाटाबेस में समाकलन प्रणाली को लाया जाएगा जहां उपार्जन लेनदेन सहित राजस्व तथा पूंजी की किस्म से संबंधित सभी लेनदेन को छावनी बोर्ड लेखा खातों तथा संबंधित वित्तीय विवरणियों में दर्शाया जाना चाहिए।

इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय नगर लेखा मैनुअल में दिए गए दिशानिर्देशों के आधार पर छावनी बोर्ड लेखा मैनुअल को विकसित करना है ताकि एक पारदर्शी, फलोत्पादक तथा सूचनाप्रद लेखा प्रणाली के सभी फायदों को छावनी बोर्डों में सुनिश्चित किए जाने के लिए यह एक अहम भूमिका अदा कर सके। परामर्शदाता द्वारा विकसित प्रस्तावित छावनी बोर्ड लेखा मैनुअल लेखा उपार्जन के आधार पर लेखा तथा वित्तीय रिपोर्ट की विधि की व्याख्या करेगा।

नई लेखा प्रणाली के कार्यान्वित होने पर परामर्शदाता को परिवर्तन चरण इस प्रकार से नियोजित करना होगा कि मौजूदा नगदी आधारित लेखा प्रणाली तथा प्रस्तावित उपार्जन आधारित दोहरी प्रविष्टि प्रणाली साथ-साथ चले। उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली के सुदृढ़ होने तथा सरकार द्वारा संशोधित छावनी लेखा कोड के अधिसूचित किए जाने तक दो समानान्तर प्रणालियां साथ-साथ चलेंगी।

प्रस्तावित उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली का प्रस्तावित छावनी लेखा कोड (वर्तमान छावनी लेखा कोड 1924 जिसमें संशोधन किए जाने की आवश्यकता है) में समावेश कर दिया जाएगा।

इस परियोजना के दो छावनी बोर्डों में तीसरे चरण का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक पूरा होने पर बाकी सभी 60 बोर्ड अधिकृत लेखापाल तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्रोग्रामर/प्रणाली प्रशासक को स्थानीय रूप से किराए पर लेकर/नियुक्ति करके उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को कार्यान्वित करेंगे। परामर्शदाता को प्रणाली को कार्यान्वित करने तथा समस्याओं को हल करने में इन छावनी बोर्डों को उपयुक्त परामर्श देना होगा। परामर्शदाता को इन बोर्डों में पेश की गई प्रयोज्यता तथा उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली की निगरानी करनी होगी तथा समस्या को हल किया जाना सुनिश्चित करना होगा

Status:

1) EOI invited and companies/ firms shortlisted.
2) RFP invited on 08.08.2011
3) Last date of receipt of Technical and Financial bids - 07-09-2011